*राम*
राम जगत के जीवन के अध्याय हैं
राम हमारे मर्यादा पर्याय हैं,
राम विजित हैं राम ही तो न्याय हैं
राम हमारे सुंदर हैं अन्वाय हैं।
राम हमारे सकल जगत के भूप हैं
राम हमारे स्नेहिल सुंदर रूप हैं,
राम धर्म के तारक सत्य अनूप हैं
राम दंभ विध्वंशक वृहद स्वरूप हैं।
राम सत्य परमेश्वर के उद्गार हैं
राम हमारे सुंदर से संसार हैं,
राम जगत के जीवों के आधार हैं
राम ही शक्ति ऊर्जा के संचार हैं।
राम पुण्य हैं राम स्वर्ग के द्वार हैं
राम अहिल्या देवी के उद्धार हैं,
राम मृदु हैं जंगम हैं अंगार हैं
राम हमारे प्रकट गुप्त व्यवहार हैं।
व्यक्त भी हैं अव्यक्त हमारे राम हैं
हैं वनवासी आधीन समूचा धाम है,
राम सरल हैं सकल गुणों के खान हैं
राम राम हैं राम का सुंदर नाम है।
©®सोमेश त्रिवेदी
#Ram_Navmi
*राम*
राम जगत के जीवन के अध्याय हैं
राम हमारे मर्यादा पर्याय हैं,
राम विजित हैं राम ही तो न्याय हैं
राम हमारे सुंदर हैं अन्वाय हैं।