कुछ निश़ां बाकी हैं आज भी मिरे ज़हन में उसने कुरे | हिंदी Shayari

"कुछ निश़ां बाकी हैं आज भी मिरे ज़हन में उसने कुरेदा था मिरे ज़ज़्बातों को बहुत देर तक"

 कुछ निश़ां बाकी हैं आज भी मिरे ज़हन में 
उसने कुरेदा था मिरे ज़ज़्बातों को बहुत देर तक

कुछ निश़ां बाकी हैं आज भी मिरे ज़हन में उसने कुरेदा था मिरे ज़ज़्बातों को बहुत देर तक

#मेरेजज़्बात

#FourthQuote #myquote

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