"मै अकेला बोहत उदास हु
मेरा साथ देने वाला कोई नहीं
मुझसे हर रिश्ता परे हुआ
मेरा हमसफर भी कोई नहीं
मिझे चाहये सहारा कोइ
मेरे हाल पे कोई तरस तो कहाँ
मै बुरा नहीं बस मेरा मिजाज़ है
देता है हर कोई मुझे उसकी सजा
जो मैने कभी किया नहीं
कभी सोचा है किसी ने भी
क्यों मिजाज़ है क्या है
इसकी वजह
©NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے
"