क़ौम औ मिल्लत की खिदमत करने लिए ओहदे की जरुरत नहीं | हिंदी Shayari

"क़ौम औ मिल्लत की खिदमत करने लिए ओहदे की जरुरत नहीं होती है। जरुरत होती है तो सिर्फ नियत और अख़लाक़ की। आजकल तो कुछ इंसानो को तो 3 या 5 ओहदे ने मिल जाते है तब तक उनके कल्ब को सकून नही मिलता, इन्हें ओहदे और तोहफे दोनों ही चाहिए..!! ©Mohammad Ateek Pathan"

 क़ौम औ मिल्लत की खिदमत करने लिए ओहदे की जरुरत नहीं होती है।
जरुरत होती है तो सिर्फ नियत और अख़लाक़ की।

आजकल तो कुछ इंसानो को तो 3 या 5 ओहदे ने मिल जाते है तब तक उनके कल्ब को सकून नही मिलता, इन्हें ओहदे और तोहफे दोनों ही चाहिए..!!

©Mohammad Ateek Pathan

क़ौम औ मिल्लत की खिदमत करने लिए ओहदे की जरुरत नहीं होती है। जरुरत होती है तो सिर्फ नियत और अख़लाक़ की। आजकल तो कुछ इंसानो को तो 3 या 5 ओहदे ने मिल जाते है तब तक उनके कल्ब को सकून नही मिलता, इन्हें ओहदे और तोहफे दोनों ही चाहिए..!! ©Mohammad Ateek Pathan

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