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पूर्ण हो पाए न जो वो कल्पनाएंँ व्यर्थ हैं।
यदि हृदय पाषाण है तो याचनाएंँ व्यर्थ हैं।
मांँ पिता को भूलकर जो घूमते हैं धाम चारो,
बोल दे कोई उन्हें ये यात्राएंँ व्यर्थ हैं।
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पूर्ण हो पाए न जो वो कल्पनाएंँ व्यर्थ हैं।
यदि हृदय पाषाण है तो याचनाएंँ व्यर्थ हैं।
मांँ पिता को भूलकर जो घूमते हैं धाम चारो,
बोल दे कोई उन्हें ये यात्राएंँ व्यर्थ हैं।