जब भी भरोसेमंद की तलाश होती है तो मुझे ही कहते है कि वफ़ादार हूँ मैं,
जिनकी हर वक्त मदद को आगे आता हूँ वो समझते हैं कि बेकार हूँ मैं।
ज़्यादा बड़ा रुतबा तो नहीं मेरा पर बहुत मददगार हूँ मैं,
फरिश्ता तो ना सही पर उनका ही छोटा आकार हूँ मैं।
नफ़रत की नज़र जो होगी तो ज्वालामुखी का अंगार हूँ मैं,
दोस्ती जो निभाओगे तो फूलों जैसा खुशगवार हूँ मैं।