सावन का उल्लास लिखूं या हैं अंखियां पिय की आस लिखू
"सावन का उल्लास लिखूं या
हैं अंखियां पिय की आस लिखूं
जिनके वियोग दोउ नैना बरसें
उन्हें दूर लिखूं या पास लिखूं
सावन का.....
चमके दामिनि ,हिय आग लिखूं
या कोयल की कूक , विराग लिखूं
पिय मदमस्त है ,अपनी अटरिया
आए जिय ,फूटल भाग लिखूं"
सावन का उल्लास लिखूं या
हैं अंखियां पिय की आस लिखूं
जिनके वियोग दोउ नैना बरसें
उन्हें दूर लिखूं या पास लिखूं
सावन का.....
चमके दामिनि ,हिय आग लिखूं
या कोयल की कूक , विराग लिखूं
पिय मदमस्त है ,अपनी अटरिया
आए जिय ,फूटल भाग लिखूं