अपनों ने नाकारा हुवा हूँ, गैरोंसे क्या उम्मीदें कर | हिंदी शायरी आणि ग

"अपनों ने नाकारा हुवा हूँ, गैरोंसे क्या उम्मीदें करुँ मैं। ©Dhondiram Ramdas Dhormare"

 अपनों ने नाकारा हुवा हूँ,
गैरोंसे क्या उम्मीदें करुँ मैं।

©Dhondiram Ramdas Dhormare

अपनों ने नाकारा हुवा हूँ, गैरोंसे क्या उम्मीदें करुँ मैं। ©Dhondiram Ramdas Dhormare

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