ए वक्त तू मुझसे कभी तो वफा किया कर
मिले उसे फुर्सत मिलने की इतनी मोहलत तो दिया कर
इंतजार के लम्हों को सदियों जैसा बना देता है
कभी मुलाकात के पलों को भी सदियों में बदल दिया कर
ए रात तू कभी तो मेरा साथ निभाया कर
मुझे गहरी नींद सुला कर तू बस ठहर जाया कर
शायद तुझे मालूम नहीं वो ख्वाबों में मिलने आते हैं
मैं ना कहूं तब तक सुबह ना होने दिया कर
ओ सूरज कभी तो मेरी बात मान लिया कर
वो जिस रास्ते से गुजरे कुछ देर छुप जाया कर
पहचान ना सके कोई ओर उसे मेरे सिवा
बस मैं देखूं बाकी सारे नजरों के पहरे हटा दिया कर
©Rishi Kumar
#Heart