अखंड है, प्रचण्ड है, स्वयं का मानदंड है,
है शूरवीर, कर्मवीर, खुद में कालखण्ड है,
जो सूर्य है मेवाड़ का, है सिंह सा दहाड़ता,
जंगलों में जो जिया, वो खुद में ही पहाड़ है
प्रातः स्मरणीय#महाराणा_प्रताप जी के बुलंद एवं निष्ठावान व्यक्तित्व का प्रभाव बीते कल में शाश्वत था, आज भी है और अनंतकाल तक रहेगा।
#जय_महाराणा_प्रताप_जय_मेवाड़
©Ram ishwar Singh Lyricist
#महराणा_प्रताप
#Ramishwar_Singh_Lyricist