मुझे असहाय करता है कर्तव्य मेरा, मुझे सहारा देता ह

"मुझे असहाय करता है कर्तव्य मेरा, मुझे सहारा देता है व्यवहार मेरा। मैं टूट जाता हूं जब कोई दिल तोड़े मेरा, फिर भी अंश बचता है मुझेमें एक और उम्मीद का। मुझे तोड़ देती है मेरे जीवन की कठिनाई, मैं जुड़ता हूं कठिनाइयों से लड़ कर। मैं अकुलाता हूं जब नीड़ मेरा एक झोंके से टूटे, मैं चिल्लाता हूं जब असहाय महसूस करता हूं में। मेरी व्याकुलता बढ़ती है उस छड़, जब छुपाए कोई बात मुझसे। घबराता हूं जब देखूं विपत्ति में, उम्मीद लगाता हूं किसी सहारे की। अपमानित करें जब कोई मुझे , आक्रोश दिल में होता है। जब कोई छल करे मेरे समक्ष, रोस दिल में होता है।। ©vivek sonakiya"

 मुझे असहाय करता है कर्तव्य मेरा,
मुझे सहारा देता है व्यवहार मेरा।
मैं टूट जाता हूं जब कोई दिल तोड़े मेरा,
फिर भी अंश बचता है मुझेमें एक और उम्मीद का।
मुझे तोड़ देती है मेरे जीवन की कठिनाई,
मैं जुड़ता हूं कठिनाइयों से लड़ कर।
मैं अकुलाता हूं जब नीड़ मेरा एक झोंके से टूटे,
मैं चिल्लाता हूं जब असहाय महसूस करता हूं में।
मेरी व्याकुलता बढ़ती है उस छड़,
जब छुपाए कोई बात मुझसे।
घबराता हूं जब देखूं विपत्ति में,
उम्मीद लगाता हूं किसी सहारे की।
अपमानित करें जब कोई मुझे ,
आक्रोश दिल में होता है।
जब कोई छल करे मेरे समक्ष,
रोस दिल में होता है।।

©vivek sonakiya

मुझे असहाय करता है कर्तव्य मेरा, मुझे सहारा देता है व्यवहार मेरा। मैं टूट जाता हूं जब कोई दिल तोड़े मेरा, फिर भी अंश बचता है मुझेमें एक और उम्मीद का। मुझे तोड़ देती है मेरे जीवन की कठिनाई, मैं जुड़ता हूं कठिनाइयों से लड़ कर। मैं अकुलाता हूं जब नीड़ मेरा एक झोंके से टूटे, मैं चिल्लाता हूं जब असहाय महसूस करता हूं में। मेरी व्याकुलता बढ़ती है उस छड़, जब छुपाए कोई बात मुझसे। घबराता हूं जब देखूं विपत्ति में, उम्मीद लगाता हूं किसी सहारे की। अपमानित करें जब कोई मुझे , आक्रोश दिल में होता है। जब कोई छल करे मेरे समक्ष, रोस दिल में होता है।। ©vivek sonakiya

#poem #कविता #कविताएं #poems #poemwriter #Poetry
#fog

People who shared love close

More like this

Trending Topic