White कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? तुम कह देना को | हिंदी Poetry

"White कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? तुम कह देना कोई खास नहीं ... एक दोस्त हैं पक्का कच्चा सा एक झूठ हैं आधा सच्चा सा , जज़्बात से ढका एक पर्दा हैं एक बहाना हैं कोई अच्छा सा ... जीवन का एक ऐसा साथ हैं जो पास होकर भी पास नहीं ... कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? तुम कह देना कोई खास नहीं ... एक साथी जो अनकही सी , कुछ बातें कह जाता हैं यादों में जिसका धुंधला सा एक ही चेहरा रह जाता हैं "यूँ तो उसके ना होने का मुझकों कोई गम नहीं पर कभी कभी वो आँखों से , आँसू बन के बह जाता हैं यूँ रहता तो मेरे जहन में हैं पर नजरों को उसकी तलाश नहीं ..." कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? तुम कह देना कोई खास नहीं ... साथ बनकर जो रहता हैं वो दर्द बांटता जाता हैं भूलना तो चाहती हूँ उसको पर वो यादों में छा जाता हैं अकेला महसूस करूँ कभी जो सपनों में आ जाता हैं ... मैं साथ खड़ा हूँ सदा तुम्हारे कह कर साहस दे जाता हैं ऐसे ही रहता हैं साथ मेरे की उसकी मौजूदगी का आभास नहीं कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? तुम कह देना कोई खास नहीं ... -विक्रम ©VIKRAM RAJAK"

 White कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
तुम कह देना कोई खास नहीं ... 
एक दोस्त हैं पक्का कच्चा सा 
एक झूठ हैं आधा सच्चा सा , 
जज़्बात से ढका एक पर्दा हैं 
एक बहाना हैं कोई अच्छा सा ... 
जीवन का एक ऐसा साथ हैं जो 
पास होकर भी पास नहीं ... 
                                              कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
                                             तुम कह देना कोई खास नहीं ... 
                                             एक साथी जो अनकही सी , 
                                                कुछ बातें कह जाता हैं 
                                           यादों में जिसका धुंधला सा 
                                           एक ही चेहरा रह जाता हैं 
                                                "यूँ तो उसके ना होने का 
                                                 मुझकों कोई गम नहीं 
                                           पर कभी कभी वो आँखों से , 
                                            आँसू बन के बह जाता हैं 
                                            यूँ रहता तो मेरे जहन में हैं 
                                    पर नजरों को उसकी तलाश नहीं ..." 
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
तुम कह देना कोई खास नहीं ... 
साथ बनकर जो रहता हैं 
वो दर्द बांटता जाता हैं 
भूलना तो चाहती हूँ उसको पर 
वो यादों में छा जाता हैं 
अकेला महसूस करूँ कभी जो 
सपनों में आ जाता हैं ... 
मैं साथ खड़ा हूँ सदा तुम्हारे 
कह कर साहस दे जाता हैं 
ऐसे ही रहता हैं साथ मेरे की 
उसकी मौजूदगी का आभास नहीं 
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? 
तुम कह देना कोई खास नहीं ...
                                            -विक्रम

©VIKRAM RAJAK

White कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? तुम कह देना कोई खास नहीं ... एक दोस्त हैं पक्का कच्चा सा एक झूठ हैं आधा सच्चा सा , जज़्बात से ढका एक पर्दा हैं एक बहाना हैं कोई अच्छा सा ... जीवन का एक ऐसा साथ हैं जो पास होकर भी पास नहीं ... कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? तुम कह देना कोई खास नहीं ... एक साथी जो अनकही सी , कुछ बातें कह जाता हैं यादों में जिसका धुंधला सा एक ही चेहरा रह जाता हैं "यूँ तो उसके ना होने का मुझकों कोई गम नहीं पर कभी कभी वो आँखों से , आँसू बन के बह जाता हैं यूँ रहता तो मेरे जहन में हैं पर नजरों को उसकी तलाश नहीं ..." कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? तुम कह देना कोई खास नहीं ... साथ बनकर जो रहता हैं वो दर्द बांटता जाता हैं भूलना तो चाहती हूँ उसको पर वो यादों में छा जाता हैं अकेला महसूस करूँ कभी जो सपनों में आ जाता हैं ... मैं साथ खड़ा हूँ सदा तुम्हारे कह कर साहस दे जाता हैं ऐसे ही रहता हैं साथ मेरे की उसकी मौजूदगी का आभास नहीं कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ? तुम कह देना कोई खास नहीं ... -विक्रम ©VIKRAM RAJAK

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