सुनो, ये तुम हो.....
चाँद छिप जाए
उस वक़्त मेरी दुनिया रोशन करे जो
तुम वो चाँदनी हो,
जब सारे राग कान को चुभने लगे
उस वक़्त जिसे सबसे ज्यादा सुनु
तुम वो रागनी हों,
जब दुनिया देख मन भर जाए मेरा
उस वक़्त के बाद जिसे निहारता रहु
तुम वो मोहिनी हो,
अंजाने से अंदाज का अपना सा एहसास हो,
जब चीखना चाहू पर खामोश रहु
उस वक़्त मेरी खामोसियों का राज हो
जो सबको ना बता सकु
तुम मेरे वो जसबात हो,
कृष्ण तुम्हें कहु , ये मुमकिन तो नहीं,
पर जब ये पार्थ भटक जाए राह कहीं
उस वक़्त मुझे मेरी मंजिल दिखाये जो
तुम वो कृष्ण सा सखा हो,
सबसे छिपा कर रखा है तुम्हें
मेरे लिए तुम इस कदर खास हो
मेरे साथ मेरे कब्र तक जायेगी जो
तुम वो हसीं राज हो.......
©Amit kumar
#chaandsifarish