"दिल की खिड़कियों से झाँकती हैं उम्मीद की रोशनियाँ,
नाराज़गी के कारण तोड़ी नहीं जाती रिश्तेदारियाँ,
चलो इस दीपावली कुछ नया करते हैं।
बुझे हुए दीयों को दिल में फिर से जलाते हैं,
अहम के पटाखों को दिल के बाहर फोड़ आते हैं,
अपनों के गले लगकर रिश्तों को बचा लाते हैं।।"
#शुभदीपवाली 🪔