#OpenPoetry तेरी आंखों से ढुलकता,
तेरे गालों पे वोह आंसू,
जो मैंने पढ़ लिया होता,
मैं कब का मर गया होता।
तेरे झुमके ने तड़प कर,
मुझे आवाज जो दी वोह,
गर मैंने सुन रखी होती,
तो मैं कुछ कर गया होता।
तेरी जुल्फों से जो छूटा,
तेरी आंखों में फंसा था,
जो तुझको देखा न होता,
मैं खुद में ज़िंदा तो होता।
#my_feel_says_YES