दिल को अब और दर्द चाहिये, मुझे लिखने को और मर्ज चा | हिंदी शायरी
"दिल को अब और दर्द चाहिये,
मुझे लिखने को और मर्ज चाहिये।
तेरी यादो पे लिखा है मैने बहुत,
अब तेरी बेवफाई के किस्से हर वक़्त चाहिये।
लिख तो मै झूठ भी दू,
पर मेरी कलम को अल्फाज़
सच्चे और बेबाक चाहिये"
दिल को अब और दर्द चाहिये,
मुझे लिखने को और मर्ज चाहिये।
तेरी यादो पे लिखा है मैने बहुत,
अब तेरी बेवफाई के किस्से हर वक़्त चाहिये।
लिख तो मै झूठ भी दू,
पर मेरी कलम को अल्फाज़
सच्चे और बेबाक चाहिये