जरूरी नहीं तुम्हारे और मेरे खयालात मिलते रहे कभी- | हिंदी शायरी

"जरूरी नहीं तुम्हारे और मेरे खयालात मिलते रहे कभी-कभी अपनों के खातिर सपनों को भूल जाना पड़ता है ©SarkaR"

 जरूरी नहीं तुम्हारे और मेरे खयालात मिलते रहे 
कभी-कभी अपनों के खातिर सपनों को भूल जाना पड़ता है

©SarkaR

जरूरी नहीं तुम्हारे और मेरे खयालात मिलते रहे कभी-कभी अपनों के खातिर सपनों को भूल जाना पड़ता है ©SarkaR

#खयालात

People who shared love close

More like this

Trending Topic