वो आए थे फटी चप्पल मे, जब तेज दोपहरी थी उनके माथे | हिंदी शायरी

"वो आए थे फटी चप्पल मे, जब तेज दोपहरी थी उनके माथे की लकीरें मेरे सुख से भी गहरी थी tj... . ©Ek Khayal"

 वो आए थे फटी चप्पल मे, जब तेज दोपहरी थी

उनके माथे की लकीरें मेरे सुख से भी गहरी थी

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©Ek Khayal

वो आए थे फटी चप्पल मे, जब तेज दोपहरी थी उनके माथे की लकीरें मेरे सुख से भी गहरी थी tj... . ©Ek Khayal

माथे की लकीरें...

#sunrays

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