आईने की तरह किसी वक़्त ये फूट क्यों नहीं गया, कभी | हिंदी Poetry

"आईने की तरह किसी वक़्त ये फूट क्यों नहीं गया, कभी बिखरा, कभी संभला, ये दिल टूट क्यों नहीं गया! ..... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey"

 आईने की तरह किसी वक़्त ये फूट क्यों नहीं गया, 
कभी बिखरा, कभी संभला, ये दिल टूट क्यों नहीं गया! 
..... Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey

आईने की तरह किसी वक़्त ये फूट क्यों नहीं गया, कभी बिखरा, कभी संभला, ये दिल टूट क्यों नहीं गया! ..... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey

दिल टूटा #beingoriginal #nojotohindi

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