"मुस्कुराते हुए आए थे हम...
करने को बयां जज़्बात- ए इश्क अपना बड़ी मुश्किल से हिम्मत जोड़कर...
मुड़ गए कदम हमारे वहीं से अचानक ,उनको किसी और की बांहों में देख कर...
बस वो खुश रहे भले किसी का भी होकर जिए....
हमारे लिए हम खुद भी नहीं है उनकी खुशी से बढ़कर.....
©rekha charan"