तुमने तो अपनी बात कह दी
पर मेरे हृदय की चिंगारी को सुन पाओगे क्या ?
आए और मुस्कुराकर चल दिये
उन बातों को जो घर कर रहे मेरे मन मे, मिटा पाओगे क्या ?
छूटने लगा हूँ सबसे अब
मुझे अब संभाल पाओगे क्या ?
टूटने लगी है छवि तुम्हारी
मेरे दिल में फिर से अब, वो बना पाओगे क्या ?
©Dcprashant
#Fire