"ना मैं किसी की जंग हूँ ,
और ना ही किसी की रियासत !
ना मैं किसी का मोहरा हूँ ,
और ना ही किसी की फ़तेह !
ना मैं किसी का धर्म हूँ ,
और ना ही किसी की ईजाद !
क्योकि मैं तो हूँ बेखौफ़ चिल्लाता सा
बर्फीली पहाड़ो की वादियों सा
क्योकि मैं तो कश्मीर हू
हां मैं ही कश्मीर हूँ
©Naveen Chauhan"