कभी अचानक ठहर जाने को जी करता है,
शराब के प्याले को होठो से लगा लेने को जी करता है।
सब भुलाकर वो जिंदगी की यादें,
शराब के नशे में झूम जाने को जी करता है।
अब कैसे कहूं.. हा मुझे अब भी तुमसे इश्क़ है,
तुम्हे देखे एक अरसा हो गया..
तुम्हारे सीने से लिपटकर रो जाने को जी करता है।
एक बोझ बड़ा है सीने में,जिसे लिए में फिर रहा हूं..
मै अब थककर चूर हूं कई..
तुम्हारी गोद में सिर रख सो जाने को जी करता है।
मै जानता हूं अब मिलना तुम्हारा मुमकिन नहीं है..
ना जाने क्यों दिल मेरे कहे कि ना सुनी करता है,
मै खुद की लाश लिए भटक रहा हूं...
तुम्हारी लगाई इस आग में अब जल जाने को जी करता है।
©Dhiru Kohli
#इंतज़ार
#Nanhi.shayrana218 #Rakhie.. #"दिल की आवाज़" –#Varsha Shukla #Anshu writer @Neha