आँखों से मेरे इस लिए लाली नहीं जाती,
यादों से कोई रात खा़ली नहीं जाती।
अब उम्र ना मौसम ना रास्ते के वो पत्ते,
इस दिल की मगर ख़ाम ख़्याली नहीं जाती।
माँगे तू अगर जान भी तो हँस कर तुझे दे दूँ,
तेरी तो कोई बात भी टाली नहीं जाती।
मालूम हमें भी हैं बहुत से तेरे क़िस्से,
पर बात तेरी हमसे उछाली नहीं जाती।
हमराह तेरे फूल खिलाती थी जो दिल में,
अब शाम वहीं दर्द से ख़ाली नहीं जाती।
हम जान से जाएंगे तभी बात बनेगी,
तुमसे तो कोई बात निकाली नहीं जाती ।💔
©Ramdayal Kumar