अब चल जिंदगी वहाँ ले चल जहाँ से तूने उठाया था ।
उसी नींद में सुला देना जहाँ से मुझे कभी जगाया था ।।
तेरे इस सफर से हार गया हूँ मैं
18 साल का लड़का पंखे से क्यों लटका जान गया मैं .........
अब ओर परेशान मत कर
तेरी इन हरकतों से डरा नहीं अंतःकरण में मर गया हूँ मैं .....
©fateh singh sodha
#SAD