।। *🍇जय श्री हरिः🍇*।।
* *भगवत्स्मरण समस्त साधनोंका सार है |*
*भगवान्-को याद करते ही सम्पूर्ण अमंगल नष्ट हो जाते हैं | इसमें लाभ-ही-लाभ है, हानि है ही नहीं |*
*सत्संगकी बातोंमें भगवान्-को याद करना सबसे मार्मिक बात है, सबकी सार बात है* |
अतः
*चलते-फिरते, उठते-बैठते हर समय भीतरसे भगवान्-को याद रखो, फिर शरीर चाहे जब छूटे* |
* *मनुष्यशरीर बड़ा दुर्लभ है, पर जब दुर्लभ चीज प्राप्त हो जाती है, उस समय आदमी उसकी कीमत समझता ही नहीं* |
*सच्चे सन्त या सद्गुरू का मिलना भी बहुत दुर्लभ है | सच्चा सन्त मिल जाय तो जल्दी अपना कल्याण कर लो, दूसरी बातोंपर विचार मत करो |*
*ऐसे ही अच्छा ब्राह्मण मिल जाय तो कोई भी जगह हो, कोई भी समय {तिथि-वार} हो, श्राद्ध-तर्पण कर दो |*
* *मैं स्त्री हूँ, मैं पुरुष हूँ---यह भाव भगवत्प्राप्तिमें बाधक होता है* |
*अतः यह भाव उठा दें और*
*‘मैं भगवान्-का हूँ, भगवान् मेरे हैं’---यह भाव ले आइए* |
©shetangujjar
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