मेरे गुरवर की एक बात निराली मन्द मन्द मुस्काते हैं | हिंदी कविता Video

"मेरे गुरवर की एक बात निराली मन्द मन्द मुस्काते हैं फिर तेजी से डांट लगाते हैं उनके चरणों में हम सब शीश झुकाते हैं।। कभी कभी गुस्से में बच्चों को पीट जाते हैं विद्यालय भी रोज न आते हैं पर सबको मालूम है ऐसा रने पर गुरूवर मेरे ह्रदय से पछताते हैं।। chemistryका कीमिया हो या विद्यार्थियों की दुनिया हो अद्भुत,अनुपम अनन्य भावों से सरल भाषा में पढ़ाते हैं अनगिनत बार भी समझाते हैं।। समझ नहीं आयाअब तक ये भाव कहां से लाते हैं, हैं ये सारी बात पुरानी अब वे तो कहीं और पढ़ाते हैं।। ©Shilpa yadav "

मेरे गुरवर की एक बात निराली मन्द मन्द मुस्काते हैं फिर तेजी से डांट लगाते हैं उनके चरणों में हम सब शीश झुकाते हैं।। कभी कभी गुस्से में बच्चों को पीट जाते हैं विद्यालय भी रोज न आते हैं पर सबको मालूम है ऐसा रने पर गुरूवर मेरे ह्रदय से पछताते हैं।। chemistryका कीमिया हो या विद्यार्थियों की दुनिया हो अद्भुत,अनुपम अनन्य भावों से सरल भाषा में पढ़ाते हैं अनगिनत बार भी समझाते हैं।। समझ नहीं आयाअब तक ये भाव कहां से लाते हैं, हैं ये सारी बात पुरानी अब वे तो कहीं और पढ़ाते हैं।। ©Shilpa yadav

#गुरुजी
#myteacher

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