^kuchh Sabd∆
सपने तो ,अपने भी हैं, बड़े !! लेकिन उड़ान का कुछ पता नहीं , फिर भी मस्त हुं क्यों की जिंदगी चार दिनों की है और कंबख्त कल का कुछ पता नहीं
कहने को अपने बहोत हैं लेकिन मुसीबत के वक्त
' एक आध को छोड़' कोई और खड़ा नहीं
सुख हो या दुख खुद हीं काट लेते हैं खुद का हिस्सा खुद हीं बांट लेते हैं
मुझे गैरों से कोई शिकायत नहीं क्यों की वो तो साथ रहके भी अपने थे हीं नहीं
दर्द तो अपनों का है जिनके लिए अब हम अपने नहीं
खुश रहने के लिए किसी इंसान की नहीं खुद हीं खुद की ज़रूरत पड़ती है
क्यों की ?
ये दोस्ती यारी रिश्तेदारी वक्त आने पे सिखाती है दुनियादारी
वक्त रहते दूरियां बना लो तो, है आजकल समझदारी
खुद को दिया समय खुद हीं वापस आता है
एक समय हीं तो है जो समय को मात दे पाता है
इसकी मार से कोई नहीं बच पाया है , रंक को राजा तो राजा को रंक बनाया है
हमारे पास जो है सब पुर्व जन्मों का लेखा जोखा है , भविष्य किसने देखा है
कौन कहता है भगवान साथ नहीं देते कभी उनके शरणों में जाके देखो
औरों की तरह मात नहीं देते
****""""🌺****राधे - राधे****👏""""****
_Akki✍️🚩
©Abhishek jha
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