Dear माँ....................
दया करुणा प्रेम की मूरत है माँ।
अध खिले बागवान की पोषक(माली) है माँ ।।
बच्चे के दुखी होने पर आँसु बहाने वाली है माँ।
परमात्मा की अद्वितीय स्वरुप होती है माँ।।
हर वक्त कृपा बरसाती है माँ।
सच कहुँ तो पृथ्वी की धरोहर होती है माँ।।
जिस घर मे छाया न हो आपकी ।
संम्पन्न होते हुए विरान होता है माँ।।
माँ का वर्णन कर पाने की "प्रताप" के बस की बात नही।।
ह्रदय से नव कर शत् शत् कोटी प्रणाम करता हुँ माँ ।।
©-प्रताप
#MothersDay