White न चाहते हुए भी मैं तुम्हे भूल ही न पाई ऐ कै | हिंदी Shayari

"White न चाहते हुए भी मैं तुम्हे भूल ही न पाई ऐ कैसा इश्क़ हैं रब मेरा जहां मैं हर पल उसकी यादों में ही खोई हूं जहां न कोई उम्मीद हैं उनसे न ही उन्हें हमसे इश्क़ हैं ©madhutandan"

 White न चाहते हुए भी मैं तुम्हे 
भूल ही न पाई ऐ कैसा इश्क़ 
हैं रब मेरा जहां मैं हर पल 
उसकी यादों में ही खोई हूं 
जहां न कोई उम्मीद 
हैं उनसे न ही उन्हें हमसे 
इश्क़ हैं

©madhutandan

White न चाहते हुए भी मैं तुम्हे भूल ही न पाई ऐ कैसा इश्क़ हैं रब मेरा जहां मैं हर पल उसकी यादों में ही खोई हूं जहां न कोई उम्मीद हैं उनसे न ही उन्हें हमसे इश्क़ हैं ©madhutandan

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