मोहब्बत का दामन थाम कर चले थे।
अब मालूम हुआ मुझे।
उसकी मंजिल तो सिर्फ तन्हाई है।
होते होंगे मोहब्बत में खुश रहने वाले।
मैने तो अपनी खुशियां गवा कर
खामोश रहना सीखा है।
कौन कहता है मोहब्बत बर्बाद कर देता है।
उसके बाद उसे खोने के लिए कुछ बचता ही नहीं।
एक बार मोहब्बत कर के तो देखो।
पूरी दुनिया से अकेले जीतने की हिम्मत आ जाएंगी।
मोहब्बत ही है।
जो आपको दर्द देकर खुद से एक बार मिलने का मौका देता है।
©Khushi Amar goap
#SAD