वो अपने सपनों को अपनी बेटी में देखा करती है
वो रख कर उसको छाँव में खुद को धूप में सेंका करती है
लड़ती है पूरी दुनिया से कि एक दिन नाज़ करेगी वो
जब बात अगर तेरी हो वो खुद को अनदेखा करती है
©vikas maurya
वो अपने सपनों को अपनी बेटी में देखा करती है
वो रख कर उसको छाँव में खुद को धूप में सेंका करती है
लड़ती है पूरी दुनिया से कि एक दिन नाज़ करेगी वो
जब बात अगर तेरी हो वो खुद को अनदेखा करती है
#myline #shayari#poetry