White जब तक सहते रहे तब तक सब के चहेते रहे आज सहेन | हिंदी Poetry

"White जब तक सहते रहे तब तक सब के चहेते रहे आज सहेना छोड़ कर जब कुछ बोल पड़े तो सबके नज़रों से उतर गये गुलामी सबको पसंद होती है सच्चाई कड़वी होती है आज जब खुद के लिए आवाज उठाई तो सबके दिलों से उतर गये झुकी नजरें सबको पसंद होती है बुलंद आवाज़ नहीं आज जब खुद के लिए जीना चाहा तो सब से दूर हो गये ©vish"

 White जब तक सहते रहे
तब तक सब के चहेते रहे
आज सहेना छोड़ कर
जब कुछ बोल पड़े
तो सबके नज़रों से उतर गये
गुलामी सबको पसंद होती है
सच्चाई कड़वी होती है
आज जब खुद के लिए आवाज उठाई
तो सबके दिलों से उतर गये
 झुकी नजरें सबको पसंद होती है
बुलंद आवाज़ नहीं
आज जब खुद के लिए जीना चाहा
तो सब से दूर हो गये

©vish

White जब तक सहते रहे तब तक सब के चहेते रहे आज सहेना छोड़ कर जब कुछ बोल पड़े तो सबके नज़रों से उतर गये गुलामी सबको पसंद होती है सच्चाई कड़वी होती है आज जब खुद के लिए आवाज उठाई तो सबके दिलों से उतर गये झुकी नजरें सबको पसंद होती है बुलंद आवाज़ नहीं आज जब खुद के लिए जीना चाहा तो सब से दूर हो गये ©vish

# आवाज़

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