अपनी overthinking को खुद समेटना सीख रही हुं। अपनी | हिंदी Shayari

"अपनी overthinking को खुद समेटना सीख रही हुं। अपनी सोच अपने गुस्से को किसी और पर थोपना नहीं, खुद बटोरना सिख रहीं हु। माना अनगिनत दुःख है इस जमाने में लेकिन, इन गमों को छोड़, मै मुस्कुरा कर खुशीयों को बाटना सीख रही हु। jagrati... ©Jagrati"

 अपनी overthinking को खुद समेटना सीख रही हुं।
अपनी सोच अपने गुस्से को किसी और पर थोपना नहीं,
 खुद बटोरना सिख रहीं हु।
माना अनगिनत दुःख है इस जमाने में लेकिन,
इन गमों को छोड़, मै मुस्कुरा कर खुशीयों को बाटना सीख रही हु।
                                                 jagrati...

©Jagrati

अपनी overthinking को खुद समेटना सीख रही हुं। अपनी सोच अपने गुस्से को किसी और पर थोपना नहीं, खुद बटोरना सिख रहीं हु। माना अनगिनत दुःख है इस जमाने में लेकिन, इन गमों को छोड़, मै मुस्कुरा कर खुशीयों को बाटना सीख रही हु। jagrati... ©Jagrati

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