हां अब नही होते
पहले से दिन रैन बसर
हां अब नही होती
पहले सी अठखेलियां
मगर मेरे दोस्त
एक सुकून सा है
के तुम हो यहीं कहीं ❤️ मेरे पास ही...!
©Manvi (voice of a silent Heart !)
☺️किसी सर्द सुबह की चाय ☕️ की गर्माहट में
या किसी दोपहर की गुनगुनी धूप 🌥और तुम्हारे पंसदीदा तराने में 🎶
या किसी लम्बी शाम 🌄 को किए तुम्हारे इंतजार में
या किसी प्यारे से ख्वाब में 😴
या फिर...
तुम्हारें ख्यालों से आबाद लम्हों में आई मेरे चेहरे की भीनी मुस्कान में 🥰
कहीं तो हो तुम बस तुम्हारा कहीं मुझमें होना काफी है ...! 💌🤗🤝🫂🥀
23 Dec 2023 E!