अपनी कलम आरदर, सम्मान ,इज्ज़त और दया करना सीख लें | हिंदी विचार

"अपनी कलम आरदर, सम्मान ,इज्ज़त और दया करना सीख लें वरना प्यार शब्द कभी नहीं आजमाता हैं। कान्ता कुमावत ©kanta kumawat"

 अपनी कलम 
आरदर, सम्मान ,इज्ज़त और दया करना सीख लें 
वरना प्यार शब्द कभी नहीं आजमाता हैं।
कान्ता कुमावत

©kanta kumawat

अपनी कलम आरदर, सम्मान ,इज्ज़त और दया करना सीख लें वरना प्यार शब्द कभी नहीं आजमाता हैं। कान्ता कुमावत ©kanta kumawat

अपनी कलम

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