तो मैंने लिखा है... की इस वक़्त को तू बेकार न कर शि
"तो मैंने लिखा है...
की इस वक़्त को तू बेकार न कर
शिशे के सामने जाकर कुछ बात तो कर
मेरे हालात पे शोक मनाना ठीक नही है...
तू जा फिर किसी और से नजरे मिला
और नजरे मिला कर उसे बर्बाद तो कर ।"
तो मैंने लिखा है...
की इस वक़्त को तू बेकार न कर
शिशे के सामने जाकर कुछ बात तो कर
मेरे हालात पे शोक मनाना ठीक नही है...
तू जा फिर किसी और से नजरे मिला
और नजरे मिला कर उसे बर्बाद तो कर ।