कहे बिना ही , हर बात सुनती है
माँ ज़िन्दगी में प्यार के रंग बुनती है
रसोई में पिघलती , प्रेम पकाती है
अंत में सबसे , माँ खाना खाती है
डांटती डपटती , कान खींचती है
संवारती हमको , स्नेह सींचती है
खुशियों में मेरी ,आंसू बहाती है
रोता हूँ जब जब ,हंस चुप कराती है
करती है सब कुछ, जरा भी नहीं जताती है
माँ बिन थके , जीवन भर बस प्रेम लुटाती है
©yash gauttam
#Mother'SDAYSPECIAL