दुनियां बस साथ देती है,
मंज़िल तक खुद ही पहुँचना होता है!
और जब आप मंज़िल तक पहुँच जाते है,
तो आपके साथ पूरी दुनियां होती है।
" अंतर बस इतना है जब आप मंज़िल पर जाते है तो लोग केवल आपका तक दिखाने के लिए देते है और जब अपन मंजिल हासिल कर लेते है तो वो आपके सच मे साथ होते है।"