हु कठोर माना मगर
नम हो गई आंखे मेरी
हुई विदा जिस दिन तू दीदी
याद आई हर गलती मेरी
नासमझ था जो लड़ा तुझसे
समझदार बन माफ किया
खुद को बचाने के खातिर
तुझ पर कभी अत्याचार किया
बेटा हु घर का मै इकलौता
,मगर फर्ज बेटे का निभाया तूने
नही आए आंसू इन आंखों में कभी
इसके लिए मेरे सारे अरमान सहे ।
दूर होकर भी मिलता नहीं चैन हमे ,
क्युकी तेरी हर झगड़े से हमे प्यार हमे
लव यू दीदी
©Løst Øne
#SuperBloodMoon