तेरी याद आती है एक दफा नही हजारों दफा आती है। ना चाह के भी दिल को रोक नही पाती है , तेरी ये नरम नरम सी यादें मुझे हर लम्हों का एहसास दिलाती है। जिसके बारे में सोचना भी ना चाहूं, उसकी याद आती है। तुम्हे बंद आंखों से भी अपने क़रीब महसूस कर पाती हूं। तेरी याद आती है एक दफा नही हजारों दफा आती है। ना चाह के भी खुद को रोक नही पाती हूं।
©shreya singh bhardwaj
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