White मेरा तुमसे मिलना, उस रब की भी मर्जी होंगी,
यूँ ही तो नहीं धरा पर, मिलते हैं दो इंसान,
कुछ सोच कर ही दिया होगा, मेरा हाथ तुम्हारे हाथ में,
यूँ ही तो नहीं साथ मिलकर, चलते है दो इंसान,
उतारा होगा धरती पर, तुम्हे मेरे लिए मुझे तुम्हारे लिए,
यूँ ही तो नहीं प्रणय के बंधन में, बंधते हैं दो इंसान,
हुआ होगा मिलन, दूर क्षितिज पर धरती अंबर का,
उस क्षण ही तो सात जन्म के लिए, बंधते हैं दो इंसान,
देखा होगा प्रेम हमारा, ज़ब पिछले कई जन्मों का,
यूँ ही तो नहीं हर युग में, जन्मते हैं दो इंसान,
एक जन्म की नहीं प्रीत हमारी तो जन्मों जन्म की हैं,
कभी कभी ही ऐसी प्रीत लिए, धरा पर उतरते हैं दो
इंसान।।
•§ शुभम राज तिवारी §•
©Shubham Raj Tiwari
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