लेखन ए तमन्ना कुछ ऐसी रही नहीं बस जमाना फिसलता है | हिंदी Shayari

"लेखन ए तमन्ना कुछ ऐसी रही नहीं बस जमाना फिसलता है तो हमारी जबान पे... ©Sambhav jain"

 लेखन ए तमन्ना कुछ ऐसी रही नहीं
बस जमाना फिसलता है तो हमारी जबान पे...

©Sambhav jain

लेखन ए तमन्ना कुछ ऐसी रही नहीं बस जमाना फिसलता है तो हमारी जबान पे... ©Sambhav jain

#Sea "अब्र" 2.0 @anurag Dubey @Suresh Gulia @Parul Sharma विवेक ... . .

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