चलो एक नई दास्तां लिखते है,
खाली पन्नों पर बेइंतहां लिखते है,
कुछ नए मोड़ को आजमां लेते है,
बंद दरवाजों को खट खटा लेते है,
कुछ मंसूबों को भी बयां करते है,
चलो इश्क़ को अब रवां करते है,
चलो कुछ तो नया करते है,
पिछला छोड़ अगला बेपन्हां करतें है,
सितम छोड़ बस अब रहम करते है,
चलो एक नई दास्तां लिखते है,
अंधेरों में अब दिया करते है,
चलो कुछ तो नया करते है।
- वैवस्वत सिंह।
#Lights