बाँहें फैलाए खड़ा है शहर मेरा
तेरे इंतजार मे
बन के बारिश भीगा दे शहर को
मेरे प्यार मे......
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लगता है बात मेरी तुमको भा गई
कि तुम्हारे शहर की बारिश
मेरे शहर तक भी आ गई.....
#अंजान......
©निखिल कुमार अंजान
#rain