एक गिरते हुए आँसू ने आज
थम कर ये मुझसे कहा
जा रहा हूँ दुनिया से तेरी
बस इतना मुझे बता
मैने तो था साथ निभाया
हर लम्हा तेरे पास रहा
उस खुदगर्ज़ की खातिर तूने
क्यूं ये धोखा मुझे दिया
उसकी ऐसी बातें सुनकर
दिल मेरा भी भर आया
रखा हथेली पर उसको
बड़े प्यार से समझाया
ऐ आब-ए-चश्म! तेरी जगह पर
मुझे खून-ए-जिगर बहाना था
पर दिल ने मेरी एक ना मानी
उसका भी यही फसाना था
जिस दिल में था यार बसाया
उसके टुकड़े कैसे करता
डर था उनकी रुसवाई का
मैं यार भला कैसे मरता
तू ही तो मेरा अपना है
इसलिए तुझे ये दर्द दिया
जब ख्वाबों की अर्थी उठी ना मुझसे
नज़रों से तुझे गिरा दिया।।
©Anoop Jadon
#LookingDeep