किसी को एकटक देखती है, किसी को देखकर ही झुक जाती ह | हिंदी शायरी

"किसी को एकटक देखती है, किसी को देखकर ही झुक जाती है गले से घूंट भी ऐसे उतरता है, जैसे नदियाँ सुख जाती है इन साँसो से धड़कन का वास्ता बस इतना है, किसी के आने से तेज होती है, किसी के जाने से रुक जाती है ©Akhilesh Rathour Lucknowi"

 किसी को एकटक देखती है, किसी को देखकर ही झुक जाती है
गले से घूंट भी ऐसे उतरता है, जैसे नदियाँ सुख जाती है

इन साँसो से धड़कन का वास्ता बस इतना है,
किसी  के आने से तेज होती है, किसी के जाने से रुक जाती है

©Akhilesh Rathour Lucknowi

किसी को एकटक देखती है, किसी को देखकर ही झुक जाती है गले से घूंट भी ऐसे उतरता है, जैसे नदियाँ सुख जाती है इन साँसो से धड़कन का वास्ता बस इतना है, किसी के आने से तेज होती है, किसी के जाने से रुक जाती है ©Akhilesh Rathour Lucknowi

#Hopeless

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