ना समझ है वो उसे मालूम कहाँ छाया क्या होता है, जिस | हिंदी Shayari

"ना समझ है वो उसे मालूम कहाँ छाया क्या होता है, जिस घर पे छप्पर न हो....."वो घर नहीं होता है" साथ खड़ा रहने वाले को "भला-बुरा" कहा उसने, कभी बीमार पड़े और दवाई का अहमियत समझे वो। ©Siddharth Malhotra"

 ना समझ है वो उसे मालूम कहाँ छाया क्या होता है,
जिस घर पे छप्पर न हो....."वो घर नहीं होता है"

साथ खड़ा रहने वाले को "भला-बुरा" कहा उसने,
कभी बीमार पड़े और दवाई का अहमियत समझे वो।

©Siddharth Malhotra

ना समझ है वो उसे मालूम कहाँ छाया क्या होता है, जिस घर पे छप्पर न हो....."वो घर नहीं होता है" साथ खड़ा रहने वाले को "भला-बुरा" कहा उसने, कभी बीमार पड़े और दवाई का अहमियत समझे वो। ©Siddharth Malhotra

#Dostiforever #Love #mohabat

People who shared love close

More like this

Trending Topic