आराम की तलब है तो एक काम कर आ राम की शरण में राम-र | हिंदी Poetry

"आराम की तलब है तो एक काम कर आ राम की शरण में राम-राम कर कुछ नेकियां कमा कुछ तो दुआएं ले आगे के लिए भी तो कुछ इंतजाम कर कोई बेसहारा है तो उसका सहारा बन रस्ता दिखा किसी को तूं हाथ थाम कर मां बाप के चरण की रज माथे पे लगा भगवान से भी पहले इन को प्रणाम कर ©Prince~"अल्फ़ाज़""

 आराम की तलब है तो एक काम कर
आ राम की शरण में राम-राम कर
कुछ नेकियां कमा कुछ तो दुआएं ले
आगे के लिए भी तो कुछ इंतजाम कर
कोई बेसहारा है तो उसका सहारा बन
रस्ता दिखा किसी को तूं हाथ थाम कर
मां बाप के चरण की रज माथे पे लगा
भगवान से भी पहले इन को प्रणाम कर

©Prince~"अल्फ़ाज़"

आराम की तलब है तो एक काम कर आ राम की शरण में राम-राम कर कुछ नेकियां कमा कुछ तो दुआएं ले आगे के लिए भी तो कुछ इंतजाम कर कोई बेसहारा है तो उसका सहारा बन रस्ता दिखा किसी को तूं हाथ थाम कर मां बाप के चरण की रज माथे पे लगा भगवान से भी पहले इन को प्रणाम कर ©Prince~"अल्फ़ाज़"

जय श्री राम





@Sandip rohilla @Sethi Ji इच्छा #शुन्य Prashant Shakun "कातिब" @Niaa_choubey

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