आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा तेरी तस्वीर को मेरे जहन में पलते देखा
अरे क्या गुनाह किया ये तो बता मेरे महबूब
क्यू तूने मुझे तन्हाई में रोते हुऐ नहीं देखा
औऱ
क्यू मैंने तुझे मेरी बर्बादी पर भी हँसते हुऐ देखा।
हा हा औऱ
तूने मेरी आँखें तो देखी पर क्यू मेरी आँखों में आँसुओ का समंदर नहीं देखा।
जान तुम तो कहती थी साथ हूँ मैं तेरे हर उठाये गये कदम पर
तो फ़िर क्यू
लोंगो ने मुझें रास्ते पर अकेला भटकता देखा।।
आज फिर से नींदे उड़ गई मेरी क्यूंकि
दिल तो पास है मेरे लेक़िन क्यू उसे मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कते हुऐ देखा।
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Ritika suryavanshi @Annu Sharma @ILara my heartbeat @Shabana parveen(Ana dehlvi)